Tuesday, March 24, 2009

ARPAnet





इस ARPANET (एडवांस्ड रिसर्च प्रोजेक्ट्स एजेंसी नेटवर्क) ARPA अमरीका के रक्षा विभाग के द्वारा शीत युद्ध के दौरान विकसित किया गया था , जो विश्व की पहली परिचालन (operational) पैकेट स्विचिंग नेटवर्क और वैश्विक इंटरनेट का पूर्ववर्ती (predecessor ) था |


पैकेट स्विचिंग, अब डाटा और आवाज दोनों संचार के लिए दुनिया में प्रमुख आधार थे , डाटा संचार (data communication) में एक नए और महत्वपूर्ण अवधारणा थी | पहले , डेटा संचार सिर्किट स्विचिंग के आधार पर बना था , जो पुराने ठेठ टेलीफोन सर्किट की ही तरह था , जहां एक सिर्किट को एक अवधि तक फोन और संचार के लिए बांध दिया जाता है और वो भी सर्किट के दूसरे छोर पर एक पार्टी के साथ ही संभव हो सकता था |


पैकेट स्विचिंग में, एक सिस्टम के साथ एक संचार लिंक का उपयोग कर एक से अधिक मशीन के साथ डाटा को datagraphs में disassembling कर संवाद संभव हुआ | ( पैकेट स्विचिंग में डाटा को छोटे - छोटे पैकेट के रूप में भेजते है ) पैकेट स्विचिंग का फार्मूला लिंकन प्रयोगशाला में लॉरेंस रॉबर्ट्स नामक वैज्ञानिक द्वारा बनाया गया, जो अरपानेट (ARPANET) का आधार था |

Thursday, March 19, 2009

history

इस संसार का पहला नेटवर्क का नाम अरपानेट (ARPAnet) था | इस नेटवर्क का निर्माण Advanced Research Projects Agency (ARPA) में हुआ था |

रॉबर्ट टेलर नामक वैज्ञानिक ने पहली बार इंटर कोन्नेक्टिंग नेट्वर्किंग के बारे में MIT में एक प्रोजेक्ट बनाके बताया जिसे नेटवर्क कहा था |

जब पहली बार अरपानेट का प्रयोग 1969 ई. में किया गया था तब इसमें दो विश्वविधालय को जोड़ा गया था और वो दो विश्वविधालय थे University of California, los angeles और Stanford Research Institute |

इन दोनों विश्वविधालय को 29 october, 1969 को जोड़ा गया था इसके बाद 5 december, 1969 को इसी अरपानेट (ARPAnet) से University of Utha और University of california, santa barbara को भी जोड़ा गया |

Network में जुड़े सभी कंप्यूटर को Host कहा जाता है |

1981 में इस अरपानेट में होस्ट की संख्या 213 हो गयी थी और प्रतेक 20 दिनों में एक होस्ट जुड़ते जा रहे थे |

अरपानेट Request for comment (RFC) टेक्नोलोजी पे बना था | होस्ट कंप्यूटर के लिए जिन्होंने सॉफ्टवेर बनाया था उनका नाम स्टीव क्रोक्कर (steve crocker) था , वे university of california, los angeles के प्रोफेसर थे |

जब अरपानेट पे इंटरनेशनल कोल्लाबोरेशन की बात हो रही थी तभी बहुत सी राजनितिक कारणों से Europen देशों ने अपना खुद का नेटवर्क बनाया जिसे X.25 नेटवर्क कहते हैं |

Saturday, March 7, 2009

कंप्यूटर की शुरुआत - 2

तो अभी तक आपने देखा की किस तरह से किन - किन चीजों का अविष्कार कर हमारे वैज्ञानिक कंप्यूटर तक पहुंचे और इसमें पुरे 350 वर्ष लगे / एक तरह से इसके अविष्कार में हम 1600 ई. में ही लग गये थे और हमे सफलता मिली 1950 ई. में और उसके बाद 1951 ई. से हुई सुरुआत कंप्यूटर की , और तब से लेकर अब तक इस कंप्यूटर युग को चार पीढियों (जेनरेशन ) में बांटा गया है /
पहली पीढी (फर्स्ट जेनरेशन ) - 1951 - 1959 1950:- डॉ. ग्रेस मयूरी होपर ने 1950 ई. में उनिवाची कोम्पिलेर को बनाया / 1951:- मौच्ली और एच्केर्ट ने 1551 ई. में की मदद से पहला कंप्यूटर बनाया , यह मुख्य रूप से व्यापारिक आंकडे प्रक्रिया के लिए थी / 1957:- एक आईबीएम के इंजीनियर जॉन बकुस ने 1957 में एक प्रोग्राम्मिंग लैंगुएज को बनाया था / 1959:- जैक सत. क्लैर किल्बे और रॉबर्ट नोय्स ने पहला इन्तेग्रेतेद सिर्किट 1959 ई. में बनाया जो बहुत से छोटे - छोटे ट्रांजिस्टर के बने थे /
दूसरी पीढी (सैकेंड जेनरेशन ) 1959 - 1965 1960:- जेने अम्दह्ल ने 1960 ई. में एक आईबीएम सिस्टम (360 सीरीज़ की मेनफ्रेम (जी ) कंप्यूटर ) बनाई, यह इन्तेग्रतेद सिर्किट का प्रयोग कर बनाई गयी पहली डिजीटल कंप्यूटर थी / 1961:- डॉ. होपर ने 1961 ई. COBOL (Common Business Orinted Language) में प्रोग्राम्मिंग लैंगुएज को बनाया / 1963:- के खोजक केन ओल्सेन ने , पहली मिनी कंप्यूटर (जी ) को बनाया / 1965:- डॉ. थोमस कुर्तज और डॉ. जॉन केमेन्य ने 1965 ई. में एक प्रोग्राम्मिंग लैंगुएज BASIC ( Beginners All-purpose Synbolic Instruction code ) को बनाया /
तीसरी पीढी ( थर्ड जेनरेशन ) 1965 - 1971 1969:- इन्टरनेट की सुरुआत 1969 ई. से ही हुयी थी / 1970:- डॉ. टेड होफ्फ़ ने 1970 ई. में प्रसिद्ध इंटेल 4004 मैक्रोप्रोसस्सर ( जी ) चिप को बनाया / 1971:- इंटेल ने 1971 ई. में पहला मैक्रोप्रोसस्सर बनाया , जिसका इन्तेग्रतेद सिर्किट एक ही समय में चार बीत प्रोसेस करता था , और इसे अरिथ्मटिक लॉजिक यूनिट में जोड़ दिया गया / एक स्टैण्डर्ड प्रोग्राम्मिंग लैंगुएज PASCAL को भी निक्लौस विरथ ने 1971 ई. में ही बनाया था /
चोथी पीढी ( फौर्थ जेनरेशन ) 1971 से अभी तक 1975:- एड. रॉबर्ट जिसे मैक्रो कंप्यूटर का पिता कहा जाता है उन्होंने पहला मैक्रो कंप्यूटर " अल्तैर 8800 " को 1975 ई. में ही बनाया था / 1976:- क्रे ने क्रे-1 सुपर कंप्यूटर ( जी ) को 1976 ई. में ही बनाया था / 1977:- जोब्स और वोज्निअक ने पहला एप्पल-2 मैक्रो कंप्यूटर 1977 ई. में बनाया था / 1981:- आईबीएम पीसी ने पहला 16 - बिट मैक्रो कंप्यूटर से 1981 ई. में ही परिचय कराया था / 1984:- एप्पल ने पहला मसिन्तोश कंप्यूटर 1984 ई. में बनाया , जिसकी ग्राफिक बहुत ही अच्छी थी , और इसी वर्ष आईबीएम ने 286-AT भी बनाया /
1987:- इसी वर्ष आईबीएम ने OS/2 ऑपरेटिंग सिस्टम टेक्नोलॉजी के बारे में बताया / 1989:- इंटेल ने पहला 1000000 ट्रांजिस्टर मैक्रो कंप्यूटर 1989 ई. में बनाया था /

Sunday, March 1, 2009

कंप्यूटर की शुरुआत



पहली गणना करने बाली मशीन अबकुस (abacus) थी जो एसिया में बनी थी / 1600: जोहन नापिएर ने लोगोरिथं की खोज की , रॉबर्ट बिस्सकर ने स्लाइड रुल का अविष्कार किया जो 19XX सतबादी में बहुत लोकप्रिय हुयी / 1642: ब्लैसे पास्कल , एक फ्रंच गनितंग और दार्शनिक जिन्होने जार्स का प्रयोग कर पहला मेकनिकल डिजीटल कंप्यूटर बनाया जिसे पस्कालिने कहते थे / यह मशीन पूर्ण संख्या (whole Number) पे जोड़ घटाब कर सकती थी , यह बहुत ही महँगी थी और इसे सिर्फ पास्कल ही मरम्मत कर सकता था / 1804: जोसफ मारी जक्कुँर्द ने पञ्च - कार्ड (punch-card) का इस्तेमाल कर स्बचलित वेअविंग लूम (weaving loom) बनाया / 1812: चार्ल्स पी. बाबेज , (कंप्यूटर के पिता ) ने एक ऐसे मशीन का अविष्कार किया जो बड़े कैलकुलेशन को हल करता था जिसमे एक ही तरह के बहुत ओपेरातिओं करने पड़ते थे / 1840: औगुस्ता अदा जिसे पहला प्रोग्रामर कहा जाता है , उन्होंने अपना प्रस्ताव रखते हुए कहा की स्टोरेज के लिए डेसीमल प्रणाली (Decimal system) की जगह बिनरी प्रणाली (Binary system) का प्रयोग करना चाहिए / 1850: जॉर्ज बुलियन ने बुलियन लॉजिक बनाया , बाद में जिसका उपयोग कर कंप्यूटर सर्किट बनाई गयी / 1906: अमेरिकी भोतिकी विज्ञानी ली दे फॉरेस्ट ने वैकुम टूब की खोज की / 1939: डा. जॉन वि . अतानासोफ्त और उनके सहयोगी क्लिफ्फोर्ड बेर्री ने पहला इलेक्ट्रोनिक डिजिटल कंप्यूटर बनाया / उनका ये मशीन अतानासोफ्फ़ - बेर्री - कंप्यूटर (अ बी सी ) ने इलेक्ट्रोनिक डिजीटल कंप्यूटर की नींव डाली / 1941: जर्मनी के कोंरद जूस ने , पहले प्रोग्रम्येबल कंप्यूटर का परिचय दिया जो कठिन इन्गिनारिंग के समीकरण को हल कर सकता था / इस मशीन को Z3 कहा गया जो डेसीमल प्रणाली की जगह बिनरी प्रणाली का प्रयोग करने बाला पहला मशीन था / 1943: ब्रिटिश गनित्गन अलन टूरिंग ने एक ह्य्पोठेतिकल डिवाइस बनाया , टूरिंग मशीन जो लोगिकल ओपेरातिओं करने के और रीड , राइट करने के कम में आया / 1945: डॉ. जॉन वों नुमन ने स्टोरेज प्रोग्राम की धारणा को कागजी रुपरेखा में पेश किया / 1947: पेन्सिल्वेनिया विस्वविधालय में जॉन व मौच्ली और जे. परस्पर एच्केर्ट के द्वारा ENIAC (Electronic Numerical Integerator and calculator ) मशीन का अविष्कार किया / इसमें 18000 वैकुम टूब , पञ्च - कार्ड इनपुट का प्रयोग किया गया इसका बजन तिस टन और यह तिस - बाय - पच्चास फ़ुट जगह लेती थी / इसी साल ट्रांजिस्टर का भी खोज हुआ विलियम शोक्क्ले , जॉन बुर्दीन और वाल्टर बरर्तैन के द्वारा बेल लैब में / 1949: मौरी वि. विल्केस ने EDSAC (Electronic Delay Storage Automatic computer) को बनाया जो पहला स्टोरेड प्रोग्राम कंप्यूटर था / दूसरा स्टोरेड प्रोग्राम कंप्यूटर EDVAC ( Electronic Discrete Variable Automatic computer) था जो मौच्ली , एच्केर्ट और वों नुमन ने बनायीं थी / 1950: टूरिंग ने ACE बनाई जो पहली प्रोग्रामेबल डिजीटल कंप्यूटर थी / आगे अगले अंक में ...............................

Saturday, February 21, 2009

मैं

मैं आकाश राज आप के लिए क्या लिखूं ये तो समझ में नही आ रहा है पर कोसिस करूंगा की कुछ अच्छा कर सकूं , मैं चाहता हूँ की कंप्यूटर के बारे में लिखूं जो उन लोगों के लिए मददगार साबित हो जो कहीं न कहीं कंप्यूटर सिखने की कोसिस तो जरुर कर रहे हैं पर सही तरीके से नही सिख पा रहे हैं किसी न किसी कारणों से चाहे वो इंग्लिश की कमी क्यूँ न हो , तो इसलिए मैंने ये सोचा है की येसे लोग जो कंप्यूटर सही तरीके से सीखना चाहते हैं मैं उनके लिए कुछ करूं , और मेरा ये वेब पेज उन लोगों के लिए भी मददगार साबित हो सकता है जो कंप्यूटर की दुनिया में बहुत ऊपर जाना चाहते हैं अथबा इसमे ऊपर तक के पढाई कर रहे हैं, अगर आप सब मेरा साथ दें तो , और मुझे उमीद है की इस काम में आप सब लोग मेरा साथ देंगे ........
 

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