रॉबर्ट टेलर नामक वैज्ञानिक ने पहली बार इंटर कोन्नेक्टिंग नेट्वर्किंग के बारे में MIT में एक प्रोजेक्ट बनाके बताया जिसे नेटवर्क कहा था |
जब पहली बार अरपानेट का प्रयोग 1969 ई. में किया गया था तब इसमें दो विश्वविधालय को जोड़ा गया था और वो दो विश्वविधालय थे University of California, los angeles और Stanford Research Institute |
इन दोनों विश्वविधालय को 29 october, 1969 को जोड़ा गया था इसके बाद 5 december, 1969 को इसी अरपानेट (ARPAnet) से University of Utha और University of california, santa barbara को भी जोड़ा गया |
Network में जुड़े सभी कंप्यूटर को Host कहा जाता है |
1981 में इस अरपानेट में होस्ट की संख्या 213 हो गयी थी और प्रतेक 20 दिनों में एक होस्ट जुड़ते जा रहे थे |
अरपानेट Request for comment (RFC) टेक्नोलोजी पे बना था | होस्ट कंप्यूटर के लिए जिन्होंने सॉफ्टवेर बनाया था उनका नाम स्टीव क्रोक्कर (steve crocker) था , वे university of california, los angeles के प्रोफेसर थे |
जब अरपानेट पे इंटरनेशनल कोल्लाबोरेशन की बात हो रही थी तभी बहुत सी राजनितिक कारणों से Europen देशों ने अपना खुद का नेटवर्क बनाया जिसे X.25 नेटवर्क कहते हैं |
4 comments:
mujhe apna email id de sakten hain mujhe kuch takniki madad chahiye ?
ज्ञानवर्धक जानकारी.... नियमित लिखें.
कंप्यूटर ज्ञान के बृहद विस्तार हेतु आपका हिंदी ब्लॉग का कार्य सराहनीय है | इसके लिए आपको बधाइयाँ !
-मोहन
http://mojowrites.wordpress.com
Jaankaariyan behad aawashyak hain...jab ham net istemaal karte hain, to kayee bar iska galat istemal karnewalonse pala padhi jaata hai...aur aiseme ham pareshan ho jate hain...bohot, bohot dhnyawad..
Aapne "kahanee"pe tippanee to dee, lekin padhi nahee, haina....request hai, zaroor padhen...jis qanoonpe adharit kahanee likhi hai, wo aatankwaad se ladneme sabse zyada suraksha yantranake haath baandh deta hai...isee jagruktaako failaneka ye prayas hai...zaroor padhen aur phir comment den...shukrguzar rahungee..
Post a Comment